Categories CondemnationHindi NewsMEDIA NEWS

वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, ने केंद्र सरकार के वर्ष 2022 के बजट में, मीडिया व मीडियाकर्मियों के लिये, एक भी घोषणा नही करने की निंदा

चढ़त पंजाब दी
नई दिल्ली, 1 फरवरी ,(सत पाल सोनी ):  देश के पत्रकारों के शीर्ष संगठन, वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, सम्बद्ध भारतीय मज़दूर संघ, ने केंद्र सरकार के वर्ष 2022 के बजट में मीडिया व मीडियाकर्मियों के लिये, एक भी कोई घोषणा नही करने की निंदा की है, और उसपर केंद्र सरकार के रवैये पर दुख जताया है।
वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया के अनुसार , केंद्र सरकार को मीडियाकर्मियों की सामाजिक सुरक्षा व आर्थिक सुरक्षा को लेकर बजट में कोई न कोई प्रावधान लाना चाहिए था
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनूप चौधरी व राष्ट्रीय महासचिव श्री नरेन्द्र भंडारी के अनुसार , आज के बजट से ये साफ हो गया है, कि देश के ज्यादातर नेता , मीडियाकर्मियों को समाज का हिस्सा नही मानते है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल व देश मे लगे लॉक डाउन से मीडिया उद्योग की हालात खस्ता हो गए है। इस उद्योग के हालात खराब होने से, देशभर में विभिन्न समाचार पत्रों के प्रकाशन बंद हो गए और वहां कार्य कर रहे पत्रकारों की या तो छंटनी हो गयी या उनकी तनख्वाह में कटौती कर दी गयी। सैंकड़ो स्माल व मीडियम न्यूज़पेपरो का प्रकाशन बंद हो गया।
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनूप चौधरी व महासचिव श्री नरेन्द्र भंडारी के अनुसार , ऐसे समय मे केंद्र सरकार को मीडिया को ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन देने चाहिये थे, लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना काल मे मीडिया को एकतरह से विज्ञापन देने में भी कटौती शुरू कर दी। हैरानी की बात है कि कोरोना काल मे जहाँ लगातार ढेरो पत्रकार इसका शिकार होकर मृत्यु के आगोश में जा रहे थे, उसी दौरान केंद्र सरकार के सूचना व प्रसारण मंत्रालय से जुड़े , डीएवीपी विभाग 2 पॉलिसियां लेकर आयी। एक ऑनलाइन मीडिया की और दूसरी प्रिंट मीडिया की। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मीडिया की विज्ञापन पालिसी का फायदा ज्यादातर बड़े पोर्टल चलाने वाले गैर मीडिया घरानों व प्रिंट मीडिया की पालिसी का फायदा सिर्फ बड़े मीडिया घरानों को ही होगा। श्री चौधरी व श्री भंडारी ने केंद्र सरकार से दोनों पॉलिसियों को रद्द करके उसकी जगह नयी पोलिसी लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र बंद होंगे तो उसका सारा असर पत्रकारो पर ही आएगा, वे सड़को पर आ जाएंगे।
वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया , ने मीडिया से GST , हटाने की मांग की है
श्री चौधरी ने मीडिया से जीएसटी हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस समय ये उद्योग बढेगा, उसी तरह से उसमे पत्रकारों के लिये नौकरियां बढ़ेंगी। नए प्रकाशन शुरू होंगे। श्री चौधरी ने मीडिया में एफडीआई पर भी रोक लगाने की मांग की है।
यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री संजय कुमार उपाध्याय के अनुसार केंद्र सरकार को बजट में मीडिया व मीडियाकर्मियों के लिये आर्थिक पैकेज व उन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर राजनेता अपने हितों के लिये मीडिया का सिर्फ इस्तेमाल करते है जब उन्हें किसी भी तरह के अधिकार देने की बात आती है, तो अपना मुंह फेर लेते है।
वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर, फेक न्यूज़ चलाने वाले पत्रकारों को किसी भी तरह का सहयोग नही करने का फैसला लिया है
श्री उपाध्याय ने कहा कि  , देश मे कई पत्रकार, फेक न्यूज़ का सहारा लेकर , झूठी खबरे चला रहे है। उन्होंने कहा कि यूनियन फेक न्यूज़ चलाने वाले पत्रकरो के कभी भी समर्थन में खड़ी नही होगी।

 

 

103740cookie-checkवर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, ने केंद्र सरकार के वर्ष 2022 के बजट में, मीडिया व मीडियाकर्मियों के लिये, एक भी घोषणा नही करने की निंदा

About the author

DISCLAIMER: Charhat Punjab di: Editor does not takes responsibility for any news/video/article published, only Reporter/Writer will be responsible for his/her news or article. Any dispute if arrises shall be settled at Ludhiana jurisdiction only. Sat Pal Soni (Editor)