भारत देश की धर्म निरपेक्षता के साथ केंद्र सरकार को खिलवाड़ नहीं करने देंगे : शाही इमाम पंजाब
लुधियाना, (ब्यूरो) : केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन कानून बनाने के बाद से देशभर में आंदोलन चल रहे हैं पंजाब के शहर लुधियाना कि दाना मंडी में भी शाहीन बाग के नाम से केंद्र सरकार के खिलाफ शुरू किया गया प्रदर्शन आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। आज गोल्डन बिहार कालोनी से अध्यक्ष मुहम्मद निजामुद्दीन, नाजिर हुसैन, कौसर अली, अब्दुल्ला फिरोज आलम, शमशाद अली, शमशाद अंसारी, मुनीर आलम, अब्दुल हकीम साहब , मुहम्मद शेख अशरफ, मास्टर मुहम्मद फिरोज की अगुवाई में हजारों लोग शाहीन बाग पहुंचे।प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि भारत देश की धर्म निरपेक्षता के साथ केंद्र सरकार को खिलवाड़ नहीं करने देंगे। शाही इमाम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के संविधान की धर्म निरपेक्षता के खिलाफ एक साजिश है जिससे कोई भी भारतीय सहन नहीं करेगा अपने बयान के दौरान शाही इमाम ने 16 फरवरी को मालेरकोटला में पंजाब की विभिन्न संघर्षशील जत्थेबंदियों की ओर से होने वाले विशाल रोष रैली का समर्थन करने का ऐलान किया।
शाही इमाम ने कहा कि 16 फरवरी को प्रदेश भर से हजारों मुसलमान मालेरकोटला में केंद्र सरकार के खिलाफ होने वाली रैली में पहुंचे। शाही इमाम ने यह भी स्पष्ट किया कि लुधियाना में शाहीन बाग का धरना 16 की मालेरकोटला रैली के बावजूद चलता रहेगा। शाही इमाम ने कहा कि जो भी संप्रदायिक ताकते देश की एकता और अखंडता के लिए जन आंदोलन कर रहे लोगों को सरकार बल के पर डराना चाहती हैं वह कान खोल के सुन ले कि हम ऐसी किसी भी ताकत से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह देश आजाद है यहा आजादी की बात करना हर एक भारतीय का हक है। कल की तरह आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं शाहीन बाग लुधियाना पहुंची थी, नन्हे-मुन्हे बच्चों ने कौमी एकता के नारे लगाए और हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, दलित भारत के हैं यह 5 सिपाही जैसे लोकप्रिय नारे चारों और सुनाई देते रहे।
शहर के विभिन्न इलाकों से पहुंचे प्रदर्शनकारियों के लिए आज दोपहर का लंगर साबरी जामा मस्जिद, दाना मंडी लुधियाना के इमाम मौलाना मुहम्मद अशरफ राजा, मुफ्ती शहाबुद्दीन कादरी, कारी जयुदीन ने लगाया गया। आज के प्रदर्शन को बामसैफ के जय सिंह, राजिंदर कुमार, लिबरल पार्टी के डाक्टर एस.डी. वालिया, जोगिंदर राय, मुहम्मद मुस्तकीम अहरार, कनीज फातिमा खातून ने भी संबोधन किया।