November 11, 2024

Loading

चढ़त पंजाब दी
लुधियाना, 29 दिसंबर (वारिस ) : भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर कुर्बानियां देने वाली पार्टी मजलिस अहरार इस्लाम हिंद के 92वें स्थापना दिवस के मौके पर आज यहां जामा मस्जिद लुधियाना में पार्टी के अध्यक्ष व शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवीं की अध्यक्षता में स्थापना दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आज अहरार के 92वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी को याद किया गया और उनके लिए कुरआन शरीफ पढ़ कर दुआ करवाई गई। इस अवसर पर मौलाना मुफ्ती मुहम्मद आरिफ कासमी ने कहा कि मरहूम शाही इमाम पंजाब की ही मेहनत और हिम्मत का कमाल है कि 1947 के बाद भी मजलिस अहरार इस्लाम न सिर्फ कायम रही बल्कि देश भर में सम्मान की निगाह से देखी जाती है। उन्होने कहा कि मरहूम मौलाना हबीब उर रहमान सानी का जीवन हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है मौलाना ने कभी भी सच बोलते हुए कोई खौफ महसूस नहीं किया और वह बहादुर होने के साथ-साथ गरीबों के मसीहा व महान धर्म गुरु और विद्वान थे।
इस अवसर पर मौलाना उस्मान ने कहा कि इस पार्टी की स्थापना भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सैनानी रईस उल अहरार मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी प्रथम, सैय्यद उल अहरार, सैय्यद अताउल्लाह शाह बुखारी, चौधरी अफजल हक ने 29 दिसंबर 1929 ई0 को लाहौर के हबीब हाल में की थी। अहरार पार्टी की स्थापना इसलिए की गई थी कि हम देश में उस समय मौजूद जालिम अंग्रेज सरकार को देश से उखाड़ फेंके और अहरार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने इस फर्ज को अच्छी तरह निभाया। एक-दो नहीं बल्कि हजारों अहरारी कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में जेलें काटीं हैं। शाही इमाम ने कहा कि अगर आज भी जरूरत पड़ी तो हम अपने देश की अखण्डता के लिए खून का आखिरी कतरा भी बहा देंगे लेकिन जो फिरकाप्रस्त ताकतें धर्म संसद के नाम पर देश के मुसलमानों को डराना चाहती हैं वो कान खोल कर सुन लें कि मुसलमान किसी की गीदड़ भबकियों से डरने वाले नहीं।
उन्होंने कहा कि अहरार किसी इतिहासकार की मोहताज नहीं है। शाही इमाम मौलाना उस्मान ने कहा कि अंग्रेज तो भारत छोड़ गए, लेकिन उसके कई टोडी आज भी देश में मौजूद हैं, जिन्हें हम बेनकाब करते रहेंगे। इस अवसर पर पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैही वसल्लम की जीवनी पर रोशनी डालते हुए शाही इमाम ने कहा कि प्यारे नबी ने इंसानियत को गुलामी से आजादी दिलवा कर दुनिया भर के इंसानों को बराबरी का दर्जा दिया।
उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हर खास और आम तक पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैही वसल्लम का पैगाम पहुंचाया जाये ताकि आपस की नफरतें, मुहब्बतों में बदल जायें। शाही इमाम ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें नफरत फैलाने वालों के खिलाफ चुप हैं यह हैरत की बात है, उन्होने कहा देश के संविधान के मुताबिक हर एक व्यक्ति अपने धर्म और आस्था के मुताबिक जीवन बिताने के लिए स्वतंत्र है और हमारी ये स्वतंत्रता कोई राजनीतिक पार्टी नहीं छीन सकती। इस अवसर पर गुलाम हसन कैसर, कारी मोहतरम, मुफ्ती आरिफ, कारी अब्दुर रहमान, कारी इब्राहीम, मुफ्ती नूर उल हुदा, हाफिज जैनुल आबेदीन, मौलाना सुलेमान आदि मौजूद थे।
97290cookie-checkमुसलमान किसी की गीदड़ भबकियों से डरने वाले नहीं है शाही इमाम पंजाब ने अहरार पार्टी के 92वें स्थापना दिवस पर कहा 
error: Content is protected !!