April 27, 2024

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चढ़त पंजाब दी
लुधियाना ,(सत पाल सोनी) : जिला कांग्रेस कमेटी लुधियाना ( शहरी ) के दफ्तर में जिला अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की अध्यक्षता में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय  जवाहर लाल नेहरू  की 58वीं पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर फूलमालाये भैंट करके उन्हें श्रद्धांजलि दी।उनके जीवन बारे बताते हुए अश्वनी शर्मा जी ने कहा की वह बच्चों को बहुत प्यार करते थे, बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे। देश भक्ति तो इन्हे अपने पिता मोती लाल नेहरू से मिली,( वह  भी सवतंत्रता सेनानी थे, 1919 और 1928 में वह कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे वह नर्म दल के थे )वह कश्मीरी पंडित थे।
जवाहर लाल नेहरू कैमब्रिज विद्वालय से 1912 में वकालत कर आजादी की जंग में अपनी महल्नुमा कोठी  आनन्द भवन को छोड़ अपनी जिंदगी में 9 साल तक जेले काटी, और इनकी पत्नी कमला नेहरू जी ने भी जेले काटी । इसी दौरान उन्होंने किताबें लिखी जिनमे से भारत एक खोज थी,वह निडर प्रधानमंत्री थे।  यह नहीं कहने वाले थे कि चनी जी से कहना कि जीवित बच कर आ गया हूँ मै। पुरानी बात है जवाहर लाल लुधियाना आए थे और किसी ने उन पर पत्थर फैका तो वह सीने से ऊपर वाला बटन खोल स्टेज से नीचे आ बोले भाई अब मारो मै आपके पास नीचे आ गया हूँ। जनता में वह इतने प्रिय थे, कि जब 27 मई 1964 को दोपहर को देशवासिओं ने उनकी मृत्यु की खबर सुनी तो पूरे  के पूरे देश में सभी ने बिना कहे अपना अपना कारोबार बंद कर दिया। 1 घंटे में पूरे देश में कारोबार बंद हो गए थे।
पूर्ण सवराज का लक्ष्य देश को उन्होंने दिया। अहसहयोग आंदोलन में मुख्य भूमिका उनकी थी, 1920 में प्रताप गढ़ में पहले किसान मोर्चे को संगठित करने वाले वहीं थे।  1937 में क्षेत्रीय चुनावों में अलगाववादी मुस्लिम लीग पार्टी पर विजय प्राप्त की । प्रजातंत्र, धर्मनिरपेक्ष, समाजवाद और गुटनिरपेक्षता को उन्होंने बढ़ावा दिया।उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है,भाखड़ा और नंगल, हीरा कुंड डैम बनवाए, एम्स, आईआई टी, एन आई टी, सी एस आई आर, नुक्लेअर टेक्नोलॉजी उन्ही की देन है।आजादी के वक़्त 14% लोग पड़े थे, फिर भी उन्होंने सभी देशवासिओं को वोट का अधिकार दिया।
आज कुछ अनपढ़ लोग उन पर कटाक्ष करते है, जिनकी दूरदर्शिता और विचारों को पूरा विश्व सुनने को लालायत रहता था। आज डी आर भट्टी, सुशील पराशर, विनोद भारती, वीं के अरोड़ा, रणजीत बांसल, अवतार सिंह पांधा, हरजीन्दर सिंह भोला, राजेश उपल, केवल अरोड़ा, सुशील कपूर लकी, सुरिंदर शर्मा, अरविन्द भट्टी, बाबा सुभाष, बनू बहल, सतपाल मल्होत्रा, गुरनाम सिंह कलेर, प्रताप सिंह, रामजी दास, डॉ अजय मोहन, रिंकू सिद्धड, राजिंदर सगड़, रमेश कुमार रसीला, यशपाल कपूर, रमेश, शिबहुँ चौहान, संजीव मालिक, अंजू बाला, विनय वर्मा, जोगिंदर पाल मकड़, राजेश कुमार रज्जा, अमरजीत जीता, संजीव सौदाई, जातिन्दर कुमार, प्यारे लाल, राजिंदर निहाला, बलदेव राज, योगेश कुमार, रवि मल्होत्रा, काली कांत, सोनी, प्रदीप कुमार, रमेश कौशल, बिंद्राज राम, सुनील, रवि मल्होत्रा, दीपा उपस्थित थे।
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119950cookie-checkस्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू जी की 58वीं पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर फूलमालाये भैंट करके उन्हें दी श्रद्धांजलि
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